बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

काश,हम भी बेईमान होते !


जनसन्देश टाइम्स में 05/02/2014 को
चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं और बिलकुल सही मौके पर बेईमानों की सूची सामने आने लगी है।ख़ास बात यह है कि यह सूची एक प्रतिष्ठापित ईमानदार के माध्यम से आई है,नहीं तो पता नहीं कौन,किसका नाम जोड़ देता ? श्रीमान ईमानदार ने सार्वजनिक रूप से कुछ लोगों को बेईमानों की सूची में डालकर अचानक उनके भाव बढ़ा दिए हैं।जो लोग उस सूची में आने से बच गए हैं,वे अपने आप को ईमानदार मान लिए जाने से हलकान हैं।चुनावों में सारा फोकस अब बेईमानों के ऊपर ही रहेगा।श्रीमान ईमानदार ने साफ़ लफ़्ज़ों में बता दिया है कि ऐसे लोगों को हम तगड़ी फाइट देंगे,जिससे वे संसद में पहुँच नहीं पाएंगे।इस तरह सारे मीडिया और जनता का ध्यान उन्हीं नेताओं पर रहेगा और इस चक्कर में वो हारी हुई बाजी जीत भी सकते हैं।जनता को यह लगेगा कि कम से कम उसका प्रतिनिधि बेईमानी के मामले में तो ईमानदार है।पता नहीं,लिस्ट के बाहर के ईमानदारों को जिताने पर वो कितने बेईमान निकल जाएँ ?
अब जब बेईमानों की सूचियाँ किश्तों में जारी हो रही हैं,इससे प्रेरणा लेकर भविष्य में और भी सूचियाँ आ सकती हैं।इस क्रान्तिकारी कार्यक्रम से कई तरह के फायदे होने की उम्मीद है।जो भी बन्दा अपनी ईमानदारी के प्रति जरा भी आशंकित होगा,वह श्रीमान ईमानदार की टोली में झट से शामिल हो जाएगा ।इससे बेईमानों की लिस्ट में बढ़ोत्तरी की आशंका से भी निपटा जा सकता है।यह कार्यक्रम और भी विस्तार पा सकता है,जब दूसरे लोग भी अपनी-अपनी लिस्ट लेकर आ सकते हैं।कुछ बेईमान सौभाग्यशाली होंगे,जिनका नाम कॉमन लिस्ट में होगा।यह समय वाकई ईमानदारों के लिए बड़ी परेशानी का है।उनकी रेटिंग लगातार गिर रही है।ईमानदार नेता चुनाव जीतने से पहले ही वंचित रहते थे,अब उन पर फोकस ही न रहेगा,तो कौन घास डालेगा ?
हो सकता है,जल्द ही कोई सूचीबद्ध बेईमान ईमानदारों की सूची लेकर आ जाये।यह बहुत ही दुखद घटना होगी।उस लिस्ट में जो आयेंगे,उन्हें न कहीं से फंड मिलेगा और न ही कोई कम्पनी प्रमोट करेगी।फ़िलहाल,श्रीमान ईमानदार के पास बेईमानों की संख्या बेहद कम है।यह जितनी ज्यादा होगी,उतनी ही जगह से वह फाइट करेंगे।इसमें आगे चलकर कैटेगरी के हिसाब से सूचियाँ आएँगी। पहले सर्वश्रेष्ठ दस माफिया या दस सर्वश्रेष्ठ बाहुबली । इन सूचियों में शामिल होने के लिए बढ़ती मारामारी को देखते हुए कई निजी कंपनियों की सेवाएँ ली जा सकेंगी,जो नेताओं का नई तरह से मेक-ओवर करेंगी। कुल मिलाकर अब पार्टियों के घोषणा-पत्र की बजाय उनके पास लिस्टेड लोग कितने हैं,यह मायने रखेगा। इसलिए इस लिस्ट का लगातार बढ़ना पार्टियों,बेईमानों और बाहुबलियों के लिए ज़रूरी है। ईमानदार तो केवल सूचियाँ बनाएं,देश को तो बेईमान संभाल ही लेंगे,यही समय की पुकार है।
 

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हर तरह की सूची अब निकलेगी, सबको योग्यता है इस बारे में।

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