11/02/2013 को नई दुनिया में ! |
लो जी,हमने वह कर दिखाया जिसके लिए लोग तरस रहे थे। हम पर लगातार इलज़ाम लग रहे थे कि हम जनता का ख्याल नहीं रखते,उसकी भावनाओं का आदर नहीं करते,पर आप गौर करेंगे तो पाएँगे कि आम जनता हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है। आप लोग इसी बात से अंदाज़ा लगा लीजिए कि हमारे लिए जनता हमसे भी ऊपर है। हमने सबसे पहले कसाब को फांसी पर लटकाया क्योंकि उसने सीधे जनता पर हमला करने की जुर्रत की थी। नेताओं पर हमला करने वाले अफज़ल गुरु को हमने उसके बाद ही लटकाया। विपक्षी लोग न जाने क्या-क्या आरोप लगा रहे थे,पर हम अपने से अधिक जनता का ध्यान रखते हैं,यह अब साबित हो चुका है।
ऐसा नहीं है कि आतंकवाद के क्षेत्र में ऐसी उल्लेखनीय प्रगति रातों-रात हुई है। इसमें हम लगातार पिछले कई सालों से प्रयासरत थे। फाइलों को इधर से उधर करने में हमने पर्याप्त समय लिया ताकि हम पर कोई उँगली न उठा सके। जब हमें अपने लिए,युवराज के लिए ज़रूरी लगा ,हमने फाइलों पर धड़ाधड़ दस्तखत करने शुरू कर दिए । इस तरह के काम को कुछ लोग कुम्भ-स्नान या मोदी-डर से जोड़कर देख रहे हैं,पर हम काम करने में विश्वास रखते हैं,बहसबाजी में नहीं। अभी भी कई लोग निराधार आरोप लगाने में सक्रिय हैं। वे कहते हैं कि कसाब डेंगू से मरने ही वाला था तो उसे फांसी दी गई और इधर जब स्वाइन-फ्लू की तरह मोदी का प्रकोप बढ़ा तो अफज़ल गुरु को निपटा दिया। वास्तव में इन बातों का कोई आधार नहीं है।
विपक्षी दल भाजपा पहले तो अपने अध्यक्ष के चुनाव के लिए जूझती रही और अब प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर उसमें मारामारी है। मोदी जी गुजरात दंगों को उसी तरह दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं जैसे कभी वाजपेई जी ने अयोध्या के विवादित ढांचे के ढहने पर बताया था। अब यह जनता को सोचना है कि वे ऐसे लोगों को सत्ता में लाते हैं जो ‘दुर्भाग्यपूर्ण काम’ करने में कुशल हैं या हम जैसे सब कुछ पाक-साफ़ करने वालों को। हमारे लिए अब ज़्यादा समय नहीं बचा है इसलिए हम वह सब कर जाना चाहते हैं जिससे युवराज के लिए रास्ता साफ़ हो सके।चुनावी तैयारियों से इसका कुछ लेना-देना नहीं है ।
आतंकवाद के अतिरिक्त हमने भ्रष्टाचार और बलात्कार पर विशेष ध्यान दिया है। कसाब और अफज़ल को लटकाने से पहले हम अन्ना हजारे के लोकपाल को लटका चुके हैं। हमारे बेहतर प्रयासों से अन्ना के सभी लोग अलग-अलग दिशाओं में जाकर अपने-अपने रोज़गार में लग गए हैं। इस बीच युवराज ने भ्रष्टाचार में भी सब्सिडी के भीषण संकेत दे दिए हैं। पहले सौ पैसे में पचासी पैसे ही जनता तक पहुँचते थे,अब निन्यानवे पहुंचेंगे। इस तरह भ्रष्टाचार कोई मुद्दा ही नहीं बचा। बलात्कार पर भी हमने कठोर कानून बनाने की सिफारिश कर दी है। अब यदि कोई ऐसा कृत्य करता है और पीड़िता की शारीरिक-मौत हो जाती है तो उसे भी हम लटका देंगे,समय चाहे जितना लगे।
हमारे वर्तमान कार्यकलाप यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि हम अगले चुनावों से पहले अपने सभी काम पूरा कर लेंगे। जनता के जो भी काम हैं,वे हमारी लटकाने वाली प्रक्रिया का ही विस्तार हैं। जिस तरह हमने दुर्दांत आतंकवादियों को लटकाया है,वैसे ही मंहगाई,भ्रष्टाचार और बलात्कार के मुद्दों को एक-एक करके निपटा देंगे। फ़िलहाल,चुनावी साल में अभी तक हमारी उपलब्धियां हैं;दो फाँसी,बीस बलात्कार, एक पैसे का भ्रष्टाचार और विपक्ष बेरोजगार ।
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