मंगलवार, 25 अगस्त 2015

बात ‘ब्रेक’ क्यों हुई !

बात टूट गई है पर चर्चा नहीं।पहले चर्चा का एजेंडा था कि बात क्यों हो रही है फ़िर इस पर कि बात क्यों नहीं हुई ? दोनों ओर के वार्ताकार ब्रेकका मजा ले रहे हैं। वहीं कुछ एक्सपर्ट बात के टूटने का 'क्लू' तलाशने में जुट गए हैं ।एक चैनल ने तो सारे फसाद की जड़ को ही खोज लिया है ।कहते हैं कि बात टूटने की बड़ी वजह यह भी रही।इस बीच हमारे हाथ भी एक क्लूलगा है जिससे पता चल जायेगा कि बात क्यों टूटी ?

हेलो,हमारी तरफ से टॉक कैंसल।यह हमारा करारा जवाब है।

देखिए,यह अच्छी बात नहीं है।वार्ता तो होनी चाहिए।हम उसे बीच में तोड़कर मुंहतोड़ जवाब देना चाहते हैं।

हम आपकी मंशा समझ रहे हैं ।हम तो आपकी सीमा के अंदर ही घुसते हैं,आप लोग तो हमारे बेडरूम तक घुस आए।यह बर्दाश्त नहीं।

तो क्या आप मानते हैं कि डॉन आपके यहाँ है ?

हमने कभी नहीं कहा कि वह हमारे यहाँ है।फिर वह अपने बेडरूम में सो रहा है।ऐसे आदमी से आपको क्या खतरा ?

हम यही जानना चाहते हैं कि इतनी चर्चा होने के बाद भी वह घोड़े बेचकर कैसे सो रहा है ?कम से कम उसे चैनलों के लिए एक बाइट तो देनी चाहिए थी।

मगर आपने यह कैसे जान लिया कि वह कराची में है ?और वह घोड़े बेचकर ही सो रहा है ?

भाई हमारे एक चैनल को एक सैटेलाइट-फुटेज मिला है,जिसमें साफ़-साफ़ दिखता है कि कराची की एक छत पर एक लुंगी टंगी हुई है। वह ताजादम नहाई हुई लगती है और उससे पानी टपक रहा है।इससे बिलकुल स्पष्ट है कि डॉन जागता भी है।हमें उसके जागने पर एतराज है।हम चाहते हैं कि वह हमेशा के लिए गहरी नींद में सो जाए।

हम इसकी जाँच कराएँगे।पहले आप वह फुटेज भेजें ,जिससे साबित हो कि कराची हमारे ही यहाँ है।लुंगी की बात तो बाद में।रही एतराज की बात,तो कुछ हमारे भी हैं।आपने पहले हमारे लड़के को पकड़ा।फ़िर सुना कि उसे बिरयानी नहीं दी जा रही है।भई,अगर आपके मुल्क में प्याज की इतनी ही किल्लत है तो हमसे बताओ।हम अगली खेप में प्याज के साथ ही लड़के भेज देंगे।

आपका एतराज बेबुनियाद है।हम उसकी जमकर सेवा कर रहे हैं।फ़िलहाल उसको अपने माँ-बाप की याद आ गई है और जल्द ही नानी भी याद आ जायेगी।आप यदि क्रिकेट के खेल को बहाल करना चाहते हैं तो खूनी खेल बंद करना होगा।आप हमारी बाॅल सीमापार करें, लड़ाके नहीं।हमारे बीच अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा। आई मीन, हम केवल आतंकवाद पर बात कर सकते हैं।

क्या - क्या! यह बीच में आतंकवाद कहाँ से आ गया!  हम तो केवल कश्मीर और हुर्रियत को जानते हैं।आतंकवाद हमारे एजेंडे में नहीं डीएनए में है और इस बात पर हम कोई बात नहीं करते। लगता है आपने रांँग नम्बर डॉयल कर दिया है। सॉरी....!

इसके बाद बात अचानक कट जाती है।यह महत्वपूर्ण सुराग है जो बताता है कि बात क्यों टूटी ? अब चारों ओर चर्चा इस बात पर है कि बात न हुई न सही, खेल तो हो सकता है।कुछ हो ना हो, होने पर चर्चा तो हो ही सकती है। 


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