बुधवार, 6 अप्रैल 2016

राष्ट्रभक्ति के बीच में लीक हो जाने का गौरव !

आख़िरकार बड़े दिनों बाद लीकेज की खबर आई।ऐसा लगने लगा था कि दुनिया ‘लीक’ होना ही भूल गई हो।पर तभी ‘पनामा लीक’ ने हमारे निकम्मेपन को गलत साबित कर दिया।शुरू शुरू में हमें यही लगा कि ‘पनामा’ नहर लीक हुई है।हम तो बचपन से इसी पनामा को जानते थे।जानकर चिंता हुई कि पता नहीं कितने निर्दोष लोग इसकी चपेट में आकर बह गए होंगे पर बाद में पता चला कि इसमें देश-दुनिया के कई धनी-मानी शौक से बह गए हैं।वे बहे ही नहीं अपनी-अपनी गठरी लेकर इसमें डूब गए।राहत की बात यह रही कि इसमें ‘डूबना’ उतराने से अधिक हितकर है।इस दुर्लभ लीकेज में हमारे देश के गिने-चुने नायक ही क्वालीफाई कर पाए हैं।इनमें से एक लीकनायक  से हमारे संवाददाता ने एक लीक-प्रूफ इंटरव्यू लिया है जो पाठकों के लिए यहाँ प्रस्तुत है :

संवाददाता:सबसे पहले तो आपको लीक होने की बधाई।आपको कब लगा कि आप लीक के पीक लेवल तक पहुँच सकते हैं ?

लीकनायक : धन्यवाद,शुक्रिया,आभार।मुझे लग रहा था कि मीडिया ऐसी उपलब्धियों को प्राइम-टाइम पर दिखाना ही भूल चुका है,पर हम अपने दायित्व से नहीं चूके।हमें खुद पर और अपने राष्ट्र-प्रेम पर पूरा भरोसा था।अन्ततः यह सब पर भारी पड़ा।दुनिया के शीर्ष लीकुओं में हमने अपने राष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया,यह गर्व की बात है।

संवाददाता :आपने इस स्तर पर आने की तैयारी कैसे की ? क्या इसके लिए आपको अपने अभिनय से भी समझौता करना पड़ा ?

लीकनायक :कुछ नहीं बस इसके लिए ‘जज्बा’ होना चाहिए।ऊपरवाले का शुक्र है कि हमें उसका भरपूर साथ मिला।राष्ट्र के लिए कुछ करने का जज्बा आपके अंदर हो तो आपके पास ऐश्वर्य की कमी नहीं रहती।वह ‘कजरारे-कजरारे’ वक्त से उठाकर आपको सीधे ‘जन-गण-मन’ की पीठ पर सवार कर सकता है।इस मामले में राष्ट्र सदा हमारे साथ रहा।अब बात आपके दूसरे सवाल की;निश्चित ही हमने अभिनय को हमेशा प्राथमिकता दी है।वह इतना सटीक होता है कि वास्तविक ज़िन्दगी में भी हम इसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं करते।इस लीकेज से आपको और सबको इसका उत्तर मिल गया होगा।

संवाददाता:इस दुर्लभ उपलब्धि का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे ?

लीकनायक :लीक का श्रेय तो निश्चित रूप से हमें ही है।यदि हम इस काबिल ही न होते तो आज कोई और ही लीक हो रहा होता।हाँ,इस उपलब्धि में हमारा ‘किसान’ होना बड़ा काम आया।कई लोगों को तभी मुझमें अपार संभावनाएं दिखने लगी थीं।हमने भी निराश नहीं किया।इधर हम तेल-मालिश और चूरन की पुड़िया बेचते रहे,उधर समर्पित भाव से लीकातुर हो गुल्लक भरते रहे।

संवाददाता:पर कुछ लोग आप पर आरोप लगा रहे हैं कि आपने टैक्स की चोरी की है ?

लीकनायक :देखिए,जिनकी हैसियत लीक होने लायक भी नहीं है,वही इस काम में आगे हैं।आपके पास कुछ होगा तभी न आप लीकोगे ? और स्पष्ट कर दूँ कि चोर तो किसी एंगल से हूँ नहीं।ऐसे लोग ज़रूर ‘डॉन’ से प्रभावित लगते हैं।हमारा अभिनय ही ऐसा है।

संवाददाता : लेकिन टैक्स तो फिर भी बनता है आपके ऊपर ?

लीकनायक : लगता है आपने ‘देशप्रेमी’ नहीं देखी है।अगर ऐसा होता तो यह सवाल न करते।फिर भी अगर आपका सवाल अभी उबाल मार रहा है तो उसे अभी ठंडा किए देता हूँ।

संवाददाता:वह कैसे ?

लीकनायक : ‘भारत माता की जय’ बोलकर ! इसमें ऐसी जादुई-शक्ति छिपी है कि कुछ भी खा-पी लो,डकार तक नहीं आती।पहले लीद होने की आशंका होती थी,अब लीक होकर भी नाम होता है।

   

कोई टिप्पणी नहीं:

अनुभवी अंतरात्मा का रहस्योद्घाटन

एक बड़े मैदान में बड़ा - सा तंबू तना था।लोग क़तार लगाए खड़े थे।कुछ बड़ा हो रहा है , यह सोचकर हमने तंबू में घुसने की को...