मंगलवार, 30 जून 2015

वोट भी डाउनलोड होगी !

मार्केट में तो वे पहले से ही थे,अब उनके नाम का ऐप भी आ गया है।वे अच्छे बाज़ीगर तो साबित हो ही चुके हैं,सुपरहिट सौदागर भी सिद्ध हो रहे हैं।अच्छे व्यापार के लिए ज़रूरी है कि बाज़ार में नियमित रूप से नए-नए प्रॉडक्ट आते रहें और साथ ही बिजनेस का प्रमोशन भी होता रहे ।इसके लिए वे झाड़ू लगाने से लेकर शीर्षासन तक आजमा रहे हैं।कम समय में कई विश्व-रिकॉर्ड बनाने हैं सो वे दिन-रात लगे हुए हैं।देश में ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन और ‘अच्छे दिनों’ की गारंटीड डिलीवरी को ध्यान में रखकर जनता के लिए अहर्निश सेवा उपलब्ध होने जा रही है।आज हर हाथ में स्मार्ट फोन है इसलिए सबके फोन में अब वे मोबाइल ऐप के रूप में विद्यमान रहेंगे।भक्तों के याद करते ही जिस तरह भगवान हाज़िर हो जाते हैं,ठीक वैसे ही अब ऐप के ज़रिये ‘हर हाथ मोबाइल,हर हाथ नेता’ होंगे।लोग उनके दर्शन-प्रवचन से न कभी वंचित होंगे,न बच सकेंगे।’मिसकॉल’ से मेंबर बनी जनता अब अपने नेता को डाउनलोड करके सीधे अपनी जेब में धर लेगी।वे जनता के सुख-दुःख में ही नहीं ,खेत-खलिहानों और उसकी झोपड़पट्टी में भी हर समय मिलेंगे।

यह ऐप हर तरह के ज़वाब देगा,हाँ यदि काला-धन,भ्रष्टाचार या मंहगाई जैसा विकास-विरोधी सवाल होगा तो वह ‘एरर’ दिखा सकता है।इसके अलावा यदि किसी को कुछ पूछना है तो वह ज़रूर बताएगा।यहाँ तक कि ’मन की बात’ के लिए अब रेडियो का इंतज़ार भी नहीं करना पड़ेगा।जब मन चाहा,बात डाउनलोड की और सुन ली।इससे सुनने वाले को तो आत्मीय सुख मिलेगा ही,साथ ही सुनाने वाले को भी रेडियो स्टेशन तक नहीं आना पड़ेगा।वे दिन हवा हुए जब प्रधानमंत्री को कोई ख़त लिखता था तो शायद ही कभी उस तक जवाब पहुँचता था।अब काम से खाली बैठे लोग अपने पीएम को चिट्ठी लिखा करेंगे और उन्हें तुरंत उधर से जवाब मिल जायेगा।यह बात और है कि सबके सवाल अलग होंगे पर जवाब एक ही होगा।

कुछ लोग इस ऐप को लेकर बड़े रोमांचित हैं।उन्हें लगता है कि सुझाव की जगह इससे सीधा समाधान ही निकल के बाहर आ जायेगा।’मनरेगा’ की मजदूरी इस ऐप में बटन दबाते ही जन-धन खाते में पहुँच जायेगी।इसलिए अब वे खेतों के बजाय मोबाइल पर ही श्रमदान करेंगे और मजदूरी ले लेंगे।कुछ इस उम्मीद में इस ऐप को अपने मोबाइल में रखने की सोच रहे हैं कि कभी ज़रूरत पड़ी तो इससे रोटी भी डाउनलोड कर लेंगे।न आटा खरीदने का झंझट और न ही चूल्हे में रोटी सेंकने की कवायद।यानी कुल मिलाकर ‘हर्रा लगे न फिटकरी पर रंग चोखा’ वाला मामला हो जायेगा।पर यह तभी संभव होगा जब अगले चुनाव से पहले इसका अपडेटेड वर्जन जारी होगा।इस ऐप की मदद से जनता की मेमोरी को रीसेट करके डिलीट भी किया जा सकेगा ताकि न मोबाइल हैंग हो और न ही कोई किसान।

इस ऐप की एक और खासियत है।इसने नेताओं के लिए आगे का बढ़िया रास्ता खोल दिया है।उनके लिए जनता से सीधे मिलने के बजाय मोबाइल-मिलन ही बेहतर होगा,साथ ही जोखिम रहित भी।यह ऐसा आधुनिक ‘जनता-दरबार’ होगा,जिसमें नेता एक साथ ही सबको दर्शन देंगे।यानी इस तकनीक से वास्तविक ‘राम-राज्य’ स्थापित हो सकेगा।जिस तरह चौदह बरस के वनवास के बाद अयोध्या लौटकर भगवान राम अपनी प्रजा से एक साथ मिले थे,ठीक वैसा ही अनुभव अब हो सकेगा।इस विषय में तुलसी बाबा ने साफ़-साफ़ बताया है;’अमित रूप प्रकटे तेहि काला,जथाजोग मिले सबहिं कृपाला’।इस तरह लोगों से मिलने के लिए त्रेतायुग में तो भगवान को कई रूप धरने पड़े थे,जबकि मोदी-युग में एक ऐप ही यह कमाल कर देगा।

वह समय भी अब जल्द आने वाला है जब किसी नेता को वोट माँगने के लिए जनता के पास जाने की ज़रुरत नहीं होगी।वह सीधे ऐप से ही सबकी वोट डाउनलोड कर लेगा।इससे उसका और जनता, दोनों का श्रम बचेगा,वोट भी खराब नहीं होगी।हाँ,मजदूरी सीधा उसके खाते में पहुँच जाएगी।वह दिन सबसे ऐतिहासिक होगा।




3 टिप्‍पणियां:

Manoj Kumar ने कहा…

बहुत खूब !
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
www.manojbijnori12.blogspot.com

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, मुसकुराते रहिए और स्वस्थ रहिए - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बढ़िया :)

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