रविवार, 3 जनवरी 2021

नए साल में नए संकल्प

नया साल गया है,साथ में नए संकल्प भी।जिसे देखो वही एक-दो संकल्प उठाए घूम रहा है।नए साल में कठिन से कठिन संकल्प लिए जाते हैं ताकि उनके पूरा होने पर कम से कम ग्लानि का अनुभव हो।ढके और छुपे चेहरों से ग्लानि का कोई भाव वैसे भी नहीं दीखता।इससे यही ज़ाहिर होता है कि एक छोटा-सा मास्क हमें कितनी बड़ी शर्मिंदगी से बचा सकता है ! अभी तो यही लग रहा है कि पिछले साल की यहभेंटलम्बे समय तक हमारे साथ रहने वाली है।साल बदलने भर से हाल बदलने वाला नहीं है।हमारी तरह वायरस ने भी कुछ संकल्प ले रखे हैं।वह रोज़ बदल रहा है।इसकी आदत आदमी-सी है।जब आदमी आसानी से नहीं सुधरता है तो हम इस दिखने वाले वायरस से सुधरने की उम्मीद क्यों रखें ! सुनते हैं नया वाला ज़्यादा संक्रामक और मारक है।अंग्रेज़ी भी है।ज़ाहिर है,हम भारतीयचीनी मालकी तरह इसे भी खूब प्यार देंगे।पिछले साल से अधिक आपस में बाँटेंगे।फैलाने से केवल प्यार ही नहीं वायरस भी फैलता है।सामान्य भारतीय का यही संकल्प है।

रही बात आम आदमी की,संकल्प ले-लेकर वह इतनासंकल्पखोरबन गया है कि ग्लानि-वानि जैसी दुर्बलताएँ अब उसकेमनोरथमें बाधा नहीं बन पातीं।ऐसा मनुष्य बड़ा मज़बूत हो जाता है।वर्ष की शुरुआत में वह नए संकल्पों से लैस होता है पर साल पूरा होने से पहले उसके सारे संकल्प स्वतःएक्सपायरहो जाते हैं।इससे यह फ़ायदा होता है कि नए संकल्पों के लिए उसकी आत्मा में पर्याप्त जगह बन जाती है।वह फिर से नए संकल्पों की सूची बनाने लगता है।नया साल इसके लिए पर्याप्त माहौल बनाता है।संकल्प भी कईटाइपके होते हैं।अधिकतर केवल लेने के लिए होते हैं।उत्तम संकल्प वही माना जाता है जो अपनी मौत मरे।संकल्पबद्ध व्यक्ति ऐसेआत्म-बलिदानके लिए हमेशा प्रस्तुत रहता है।जिस प्रकार फल की चिंता किए बिना हमें कर्म करने का अधिकार है,उसी प्रकार संकल्प पूरा होने की चिंता किए बिना हमें निरंतर संकल्प लेते रहना चाहिए।इससे जीवन में रस बना रहता है।


ये संकल्प यूँ ही नहीं लिए जाते।इन्हें सबके सामने ऐलान करके लिया जाता है।सोशल मीडिया और पब्लिक में प्रचारित किया जाता है।अघोषित संकल्पका फल सुखदायी नहीं माना जाता।कोई व्यक्तिगत संकल्प लेता है तो कोई राजनैतिक या साहित्यिक।राजनैतिक-क़िस्म का संकल्प आम आदमी पर सीधा असर डालता है।जिन मनुष्यों ने जनसेवा करने का संकल्प ले रखा है,वे समय-समय पर इसेरीचार्जकरते रहते हैं।देश और जनता के लिए निष्ठा और सिद्धांत को अपनेदृढ़-संकल्पके आगे कभी आड़े नहीं आने देते।इन संकल्पों की विशेषता होती है कि पूरा होने पर ये स्वतःआउटडेटेडहो जाते हैं।इन्हें पूरा करने की तो जवाबदेही होती है और ही मजबूरी।पिछले संकल्प उसी तरह भुला दिए जाते हैं जैसे नए चुनाव से पहले पुराने वादे।चुनावों के वादे पूरे होने के पीछे सालों से चली रहीसंकल्प-शक्तिका ही प्रभाव होता है।जो वादे जितने बड़े संकल्प के साथ किए जाते हैं, उनके पूरा होने कीआशंकाउतनी ही कम होती है।जनसेवक की मुख्य चिंता यह होती है कि यदि किया गया वादा ग़लती से पूरा हो गया तो आइंदा वे किस बात का संकल्प लेंगे ! इसलिए हमेशा नए और मौलिक संकल्प लिए जाते हैं।लोकतंत्र की रक्षाजैसे कुछ पारंपरिक संकल्प भी हैं पर वे ख़ास मौक़ों पर लिए जाते हैं।


साहित्यिक-संकल्प लेना सबसे आसान है।अमूमन ये अपनाटार्गेटपूरा कर लेते हैं।इसके लिए बस मनुष्य को कल्पनाशील होना पड़ता है।वह अचानक एक दिन साहित्यकार बन बैठता है।एक ओर वह दिए हुए सम्मान को वापस लौटाने का संकल्प लेता है तो दूसरी ओर अकादमी के नए अध्यक्ष को शुभकामनाएँ भेजने लगता है।एक अनुभवी और संकल्पशील साहित्यकार के लिए अब कुछ भी असंभव नहीं रहा।श्रेष्ठ कवि या प्रख्यात कहानीकार बन पाने पर वहअद्भुत व्यंग्यकारबनने का संकल्प ले लेता है।साहित्यिक क़िले मेंघुसनेकी सबसे बड़ी सुरंग यही है।इसमें प्रवेश के लिए प्रसिद्ध और सिद्ध ( गिद्ध नहीं ) लेखकों ने निःशुल्कक्रैश-कोर्सखोल रखे हैं।उन्हें ख़ुद के लेखक होने पर अंदेशा भले हो,पर दूसरों कोशर्तिया लेखकबनाने का संकल्प लिए हुए हैं।अतीत में ऐसे ही एक संकल्प का शिकार हम भी हो चुके हैं।अब अंतर्जाल में दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं।इस क्षेत्र में खूबस्कोपहै।नए साल का हमारा संकल्प भी यही है।


इधर सरकार नए साल में सबकोइंजेक्शन’ लगाने का संकल्प ले चुकी है और उधर विपक्ष भीषण शीतलहर मेंनई आगढूँढ रहा है।सरकार किसानों का भला करने पर तुली हुई है और किसान हैं कि सरकार को तौल रहे हैं।इस तरह सबके संकल्प संतोषजनक ढंग से सुलग रहे हैं।शायद जल्द ही सबको गरमाहट का भी अहसास हो !


संतोष त्रिवेदी 


2 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत खूब। नववर्ष मंगलमय हो।

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

शुक्रिया भाई

चुनावी-दौरे पर नेताजी

मेरे पड़ोस में एक बड़का नेताजी रहते हैं।आमतौर पर उनकी हरकतें सामान्य नहीं होती हैं पर जैसे ही चुनाव की घोषणा हुई , उनकी...