जैसे-जैसे मतदान का समय निकट आ रहा है,सभी पार्टियों और नेताओं में देश-सेवा की आतुरता उतनी तेजी से बढ़ रही है।इस दिशा में काम करते हुए सबने अपने-अपने घोषणा-पत्र पूरी लगन और निष्ठा से प्रस्तुत कर दिए हैं।देश में जनसेवा का ऐसा ज्वार उठते देखकर एक जागरूक मतदाता होने के नाते हमसे भी नहीं रहा गया और सोचा कि पार्टियों के घोषणा-पत्र की तर्ज पर मतदाताओं की ओर से भी जवाबी कार्रवाई होनी चाहिए ।इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए हमने तुरत-फुरत ‘मतदाता जागरूक संघ’ का गठन कर लिया है।बिना किसी से विचार-विमर्श किए,यह कदम नितांत मौलिक मान्यता पर आधारित है कि सभी अच्छे निर्णय मनमाने ढंग से ही लिए जा सकते हैं।
हमारी घोषणा है कि ‘मतदाता जागरूक संघ’ ऐसे बन्दों का समर्थन करेगा जो ज़रूरी मौकों पर नींद की झपकी लेने में माहिर हों।संसद में ऐसे लोगों की संख्या जितनी ज़्यादा होगी,कुर्सी और माइक टूटने का अंदेशा उतना ही कम होगा।साथ ही,मिर्च-पाउडर या गालियों के छिड़काव में अप्रत्याशित रूप से कमी भी आयेगी।इससे फौरी लाभ यह होगा कि सरकार को कानून बनाने से बचने का कोई उपाय ढूंढे नहीं मिलेगा और जनहित के लिए ज़रूरी अधिनियम मिनटों में पास होंगे।हालाँकि बालीवुड की एक बाला ने खुलेआम घोषणा की है कि वे इसलिए संसद में पहुँचना चाहती हैं कि सारे सांसद जाग जाएँ पर शायद उन्हें सोते हुए सांसदों के रचनात्मक पक्ष का ज्ञान नहीं है।हमें ऐसे रणबांकुरों का एक जत्था जिताना है ताकि संसद में चिरशांति कायम रहे।
दूसरा ऐलान यह है कि हम पल-पल में खुद को बदलने में पारंगत नेताओं का समर्थन करेंगे।जब मतदाताओं के बदलने से सरकार बदलती है तो हम ऐसे नेताओं को ही चुनें जो रंगबदलू और दलबदलू जैसे ख्यातनाम वाले हों।वे किसी भी पक्ष या पार्टी से बंधे न हों,यानी पूरी तरह निष्पक्ष हों।ऐसे लोग ही भविष्य में मतदाता के काम आ सकते हैं।इनकी खासियत यह होगी कि सरकार किसी की भी हो,ये उसी के साथ होंगे।ऐसे में मतदाता असहाय नहीं रहेगा।ऐसा प्रतिनिधि पूर्णरूपेण सत्ता और देश के लिए हमेशा समर्पित रहेगा।जब हमसे निष्पक्ष मतदान की अपील की जाती है तो हम भी निष्पक्ष प्रतिनिधि को वोट दें ताकि वह किसी सिद्धांत या निष्ठा की ओट लेकर एक पक्ष में न खड़ा रह जाये बल्कि मौका लगते ही कुर्सी की साइड में कूद पड़े।
‘मतदाता जागरूक संघ’ की महत्वपूर्ण घोषणा यह भी है कि हम उसी आदमी को समर्थन देंगे जो धन-जन से परिपूर्ण हो।चिरकुट या फटेहाल प्रतिनिधि पर हम कोई दाँव नहीं लगाएंगे।जो व्यक्ति अपना पेट नहीं भर सकता,वह ख़ाक दूसरों का पेट भरेगा।हमें भुक्खड़ और पहलवान टाइप का प्रतिनिधि चाहिए जिससे इलाके के बाहर के लोग भी खौफ खाएं।ऐसे लोग जब संसद में पहुँचेंगे,इलाके में अपने आप शांति पसरेगी।
यही कुछ बातें हैं,जिनको सभी प्रबुद्ध मतदाताओं को ध्यान में रखना है।’मतदाता जागरूक संघ’ चुनावों की पूर्व-संध्या पर इसे जनहित में जारी कर रहा है।लोग अपने रिस्क पर इस पर अमल कर सकते हैं।
जनवाणी में 09/04/2014 को प्रकाशित
1 टिप्पणी:
गुणवान को ही भाग्यवान बनायेगा लोकतन्त्र।
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