दुनिया के महाबली विदेश मंत्री जॉन कैरी साहब ख़ास गुफ्तगू के लिए भारत दौरे पर आए।एयरपोर्ट से होटल के रास्ते में ही उनकी गाड़ी रुक गई।आगे-पीछे केवल गाड़ियाँ दिख रही थीं।कैरी ने अपने सहयोगी से कहा-मि. मोदी हमारा इतना स्वागत कर रहे हैं।इतना एस्कॉर्ट तो हमारे प्रेसिडेंट के लिए भी नहीं होता।उनसे कहो,हम पाकिस्तान को सबक सिखा देगा पर अब हमें होटल पहुँचने दें।पास बैठे एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि सर यह भारतीय जाम है।कैरी बोले-भई,उन्हें समझाओ।मैं दिन में नहीं पीता।’
एक भारतीय अफसर उनकी बातचीत सुन रहा था।शायद ख़ुफ़िया विभाग का था।उसने डिटेल में समझाना शुरू कर दिया,’सर थोड़ी देर पहले रुक-रुक कर बारिश हो रही थी।आपको रुक-रुक कर ही होटल तक पहुँचना होगा।’
‘तो क्या हमारा स्वागत रुक-रुक कर होगा ?’कैरी से न रहा गया। ‘जी जनाब।जैसे पाकिस्तान की सहायता रोक-रोक कर पूरी दे दी जाती है ,वैसे ही यहाँ स्वागत रिलीज किया जाता है।क्या करें,यह हमारी परिपाटी है।’
आखिर दो घंटे बाद कैरी अपने होटल पहुँच गए।रास्ते में जाम के स्वागत से इतने अभिभूत हो चुके थे कि मुँह से बोल नहीं फूट पा रहे थे।अमेरिका से आई कोई भी कॉल वे अटेंड नहीं कर सके।व्हाइट हाउस में हड़कंप मच गया।तुरत-फुरत ओबामा जी ने मोदी जी से हॉटलाइन पर बात करनी चाही।इधर से संदेश दिया गया कि वे अगली ‘मन की बात’ का एजेंडा तय कर रहे हैं।उन्होंने किसी वरिष्ठ मंत्री से उनकी बात करवाने को कहा।
पर्यटन मंत्री जी वहीँ बैठे सैलानियों के ड्रेस-कोड को सेट कर रहे थे।ओबामा जी से वही मुखातिब हुए।बोले-सर क्या बात है ?ओबामा-हमारे विदेश मंत्री कहाँ हैं?हमें उनकी खबर नहीं मिल रही है।’
बस,इत्ती-सी बात ! अभी हमने भी टीवी पर खबर देखी है।वे दो घंटे तक जाम में थे,अब होटल में आराम कर रहे हैं।’मंत्री ने आश्वस्त किया।
ओह माय गॉड ! पर आपके यहाँ इतना समय जाम में खराब होता है ?
‘सर अगली बार कैरी सर को कहना कि अपने साथ एक ड्रोन कैरी करते आयेंगे।जाम से निपटने में आसानी होगी।’मंत्री ने समाधान प्रस्तुत कर दिया था।
एक भारतीय अफसर उनकी बातचीत सुन रहा था।शायद ख़ुफ़िया विभाग का था।उसने डिटेल में समझाना शुरू कर दिया,’सर थोड़ी देर पहले रुक-रुक कर बारिश हो रही थी।आपको रुक-रुक कर ही होटल तक पहुँचना होगा।’
‘तो क्या हमारा स्वागत रुक-रुक कर होगा ?’कैरी से न रहा गया। ‘जी जनाब।जैसे पाकिस्तान की सहायता रोक-रोक कर पूरी दे दी जाती है ,वैसे ही यहाँ स्वागत रिलीज किया जाता है।क्या करें,यह हमारी परिपाटी है।’
आखिर दो घंटे बाद कैरी अपने होटल पहुँच गए।रास्ते में जाम के स्वागत से इतने अभिभूत हो चुके थे कि मुँह से बोल नहीं फूट पा रहे थे।अमेरिका से आई कोई भी कॉल वे अटेंड नहीं कर सके।व्हाइट हाउस में हड़कंप मच गया।तुरत-फुरत ओबामा जी ने मोदी जी से हॉटलाइन पर बात करनी चाही।इधर से संदेश दिया गया कि वे अगली ‘मन की बात’ का एजेंडा तय कर रहे हैं।उन्होंने किसी वरिष्ठ मंत्री से उनकी बात करवाने को कहा।
पर्यटन मंत्री जी वहीँ बैठे सैलानियों के ड्रेस-कोड को सेट कर रहे थे।ओबामा जी से वही मुखातिब हुए।बोले-सर क्या बात है ?ओबामा-हमारे विदेश मंत्री कहाँ हैं?हमें उनकी खबर नहीं मिल रही है।’
बस,इत्ती-सी बात ! अभी हमने भी टीवी पर खबर देखी है।वे दो घंटे तक जाम में थे,अब होटल में आराम कर रहे हैं।’मंत्री ने आश्वस्त किया।
ओह माय गॉड ! पर आपके यहाँ इतना समय जाम में खराब होता है ?
‘सर अगली बार कैरी सर को कहना कि अपने साथ एक ड्रोन कैरी करते आयेंगे।जाम से निपटने में आसानी होगी।’मंत्री ने समाधान प्रस्तुत कर दिया था।
4 टिप्पणियां:
रोचक प्रस्तुति ,,, हम कैसे किसी से कम हो सकते हैं?
बहुत अच्छे माट साब एक ड्रोन पे पूरा सरकार को लदवा दिए आप ..उत्तर प्रदेश चुनाव की तरफ ध्यान नहीं है जी
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 31 अगस्त का इतिहास और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
सुन्दर ।
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