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एक अदद सम्मान के लिए !
वह एक सामान्य दिन नहीं था।मैं देर से सोकर उठा था।अभी अलसाया ही था कि ख़ास मित्र का फ़ोन आ गया।ख़ास इसलिए क्योंकि उनसे...
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1 टिप्पणी:
धार्मिक व्यक्ति के दृष्टिकोण में, नेता के दृष्टिकोण में ,भीड़ के दृष्टिकोण में और लेखक के दृष्टिकोण में फर्क दिखना ही चाहिए। आपने लेखकीय धर्म का खूब निर्वहन कया है। जोरदार आलेख के लिए बहुत बधाई।
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