शुक्रवार, 17 जून 2016

कुछ खाने के क़ाबिल तो बनिए !

नेता जी जैसे ही पब्लिक मीटिंग के बाद बाहर निकले,पार्टी के प्रति समर्पित पुराने कार्यकर्त्ता ने खुद को उनके चरणों में अर्पित कर दिया।वह बहुत घबराया हुआ था।नेता जी इस क्रिया से द्रवित होते हुए बोले,’किस बात का कष्ट है तुम्हें ? टिकट-विकट चाहिए तो अध्यक्ष जी से मिलो’।कार्यकर्ता संवेदनशील था, सुबक पड़ा-सर जी टिकट तो हमें मिल चुका है,इसीलिए अधिक चिंतित हूँ।’ 'तो फिर क्या हुआ ? चुनाव नहीं लड़ना या टिकट मिलते ही तबियत ख़राब हो गई ? नेता जी ने एक साथ कई सवाल पूछ लिए।'नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।हमें डर दूसरी वजह से लग रहा है। चुनाव जीतने के बाद आपने जनता द्वारा लात मारने की जिस स्कीम को लॉन्च करने का ऐलान किया है,डर तो उससे लग रहा है।कहीं जनता हमारी परफोर्मेंस को देखकर सचमुच हमें लतियाने पर उतारू न हो जाए ? हमारी तो अब रीढ़ की हड्डी भी कमज़ोर हो चुकी है।' कार्यकर्ता दूर की सोचते हुए बोला।

नेता जी एकदम से मौलिक रूप में आ गए।'कौन है ये आदमी ? इसका पता करो कि ये अपना कार्यकर्त्ता है भी कि नहीं ? ‘ चुनाव प्रभारी साथ में ही थे।ऐसी स्थितियों का उन्हें पूर्वानुमान होता है।बात को दबाते हुए बोले ,’हम तो इस बार भी इनका टिकट फाइनल नहीं कर रहे थे पर पार्टी को इनके बुढ़ापे पर तरस आ गया।अब इनको लात खाने से भी डर लग रहा है ! समझा दूँगा मैं।'

नेता जी ने मना किया।वे स्वयं सहमे हुए कार्यकर्ता से मुखातिब हुए 'अच्छा यह बताइए, देश बड़ा होता है या प्रदेश ?' कार्यकर्ता डरते हुए बोला,'सर जी,निश्चित रूप से देश'।जवाब सुनते ही नेता जी हँस पड़े।कहने लगे,'देश के चुनावों में सबको पंद्रह लाख देने और मँहगाई को मारने का वादा किया था।आज भी जब हम बोलते हैं,तो सिर्फ हाथ उठते हैं तालियाँ बजाने के लिए।यहाँ तक कि दाल और टमाटर तो हमें स्टैंडिंग ओवेशन दे रहे हैं।रही बात लात मारने की,इसके लिए पाँव होने भी तो ज़रूरी हैं।'
अब कार्यकर्ता चकित होते हुए बोला,'तो क्या हम जनता के पाँव काट डालेंगे ?'

'बिल्कुल नहीं।अव्वल तो हम इत्ते नए मसले पैदा कर देंगे कि उसे स्मृतिदोष हो लेगा।वह हाथ-पाँव मारकर इतना थक लेगी कि लात मारने का माद्दा ही खत्म हो जायेगा।नहीं तो उसे जुमला बनाना हमारे हाथ में है ही।'

समर्पित कार्यकर्ता फिर से नेता जी के चरणों में लोट गया।चुनाव प्रभारी ने उसे चुनाव-सूत्र देते हुए कहा,'जाइए पहले कुछ खाने के क़ाबिल तो बनिए।'

2 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " सुपरहिट फिल्मों की सुपरहिट गलतियाँ - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Asha Joglekar ने कहा…

जोरदार।

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