बुधवार, 16 जुलाई 2014

आतंकवादी भाई से इंटरव्यू !



देश के एक बड़े पत्तरकार ने एक बड़े आतंकवादी भाई से साक्षात्कार लेकर बड़ा दुस्साहस का काम किया है।जिस आतंकवादी के नाम से सरकारें तक काँपती हैं,उससे लोहा लेकर उस पत्तरकार ने पूरी बिरादरी का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है।यह साक्षात्कार सुरक्षा कारणों और देशहित में बड़े ही गुपचुप तरीके से लिया गया था।कुछ जल्कुक्कड़-टाइप लोगों की हरकतों से इस ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवादी अभियान’ में पलीता लगाने की कोशिश की गई है।बजरिये विकिलीक्स,देशहित में इस इंटरव्यू को लीक किया जा रहा है,जिसकी जिम्मेदारी केवल और केवल ‘केबल-वायर’ की होगी।प्रस्तुत है पत्तरकार और आतंकवादी भाई के इंटरव्यू के चुनिन्दा अंश :


पत्तरकार:बड़ी दूर से आए हैं,प्यार का तोहफा लाए हैं !


आतंकवादी :आइए,आइए ! हम ऐसे ही तोहफों के ‘रिटर्न-गिफ्ट’ देने के लिए जाने जाते हैं।हमको लगता है कि आप हमारे पिछले तोहफों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।


पत्तरकार :देखिए भाई जी,हम तो शांति और अमन के पुजारी हैं।आप जो भी करते हैं वो आपका जिहाद है,हमें उस पर अधिक नहीं कहना।हम तो बस आपसे इतना रिक्वेस्ट करने आये हैं कि आप अपने गिफ्ट में हमें थोडा-सा डिस्काउंट दे दें।


आतंकवादी : हम कोई मौसमी-सेल नहीं ऑफर करते।हमारे लड़के अपना काम पूरा करते हैं।उसमें हमारी गौरमिंट कुछ नहीं कर सकती फिर हम दुश्मन देश की बात क्यों मानेंगे ?


पत्तरकार : भाई जी,आप तो बुरा मान गए ! हम तो यह गुजारिश कर रहे हैं कि अब हमारे यहाँ वही सरकार है जिसने आपको चांदनी चौक की जलेबियों के साथ कंधार में छोड़ा था।वो अब आपसे बस थोड़ा-सा डिस्काउंट चाहते हैं जिससे वो अपने विरोधियों पर भारी पड़ सकें।


आतंकवादी :तो क्या आप सरकार की तरफ से आए हैं ?


पत्तरकार :ना जी तौबा ! यह तो हम सद्भावना-मिशन के तहत स्वयं ही आए हैं।अब जब किसी तरह से देश में इत्ती अच्छी सरकार आ गई है तो लम्बे समय तक बरक़रार रहे,यह हमारा मूल धर्म और कर्तव्य है।हम आइन्दा आपकी भी शरीफ-टाइप भेंट करवाने पर काम कर सकते हैं।दरअसल,हम मिलजुलकर काम करने के हामी हैं।


आतंकवादी:पर आप तो किसी बाबा के साथ जुड़े हैं,उन्हें तो ऐतराज नहीं होगा ?


पत्तरकार :हमारे बाबा लोगों को योग सिखाते हैं और उसमें शीर्षासन एक प्रमुख आसन है।बाबा खुद इसमें सिद्धहस्त हैं।उनके लिए कोई सरकार नहीं बल्कि विश्व का बढ़ता बाज़ार ज़रूरी है।अब विश्वबंधुत्व के लिए ग्लोबल तो होना ही पड़ता है।वे आपके नेटवर्क से बहुत प्रभावित हैं।आप अपने देश में खुलेआम उपदेश देते हैं और सरकारी सुरक्षा भी पाते हैं।यही उन्हें भी चाहिए।वैसे भी ‘राम लीला मैदान’ वाली सरकार अब नहीं रही।यह वाली तो बाबा के प्रताप से ही बनी है।इसलिए हमें उम्मीद है कि आप हमारे अनुरोध को अन्यथा न लेंगे।


आतंकवादी :ठीक है,हम कोशिश करते हैं।भविष्य में यदि कोई भी आतंकवादी घटना होती है तो उसके लिए हमें बिलकुल न दोष दिया जाए।उसके बाद हम धीरे-धीरे अपने प्रोजेक्ट्स में डिस्काउंट दे सकते हैं।लीजिये,अब आप खीर खाइए और थोड़ी-सी हमारे हमदर्दों को भी लेते जाइए।


पत्तरकार :जी बहुत बहुत शुक्रिया।


इस तरह बेहद खुशनुमा माहौल में बातचीत समाप्त होती है।वे अपने मिशन से लौट आते हैं।पत्तरकार जी का खीर से भरा कटोरा कहाँ गायब हो गया,अभी इसकी खबर किसी को नहीं है।


 
जनसन्देश टाइम्स में 16/07/2014 को

3 टिप्‍पणियां:

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज गुरुवार १७ जुलाई २०१४ की बुलेटिन -- आइये एक कदम हम आगे बढ़ें– ब्लॉग बुलेटिन -- में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार!

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

बहुत आभार आपका !

SKT ने कहा…

वाह क्या सीधी ऊँगली है पत्रकार भाई की...मजा आ गया पढ़ कर!

एक अदद सम्मान के लिए !

वह एक सामान्य दिन नहीं था।मैं देर से सोकर उठा था।अभी अलसाया ही था कि ख़ास मित्र का फ़ोन आ गया।ख़ास इसलिए क्योंकि उनसे...