बुधवार, 14 जनवरी 2015

अपनी-अपनी मास्टरी!

अभिनन्दन रैली में जमकर क्रन्दन हुआ।चार राज्यों में अभूतपूर्व विजय के बाद पताका दिल्ली में फहरानी है।दिल्ली को असल खुशहाली तभी मिल सकती है,जब विरोधी जंगल चले जाँय।यह देश ’होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ की लकीर पर चलने वाला रहा है।शुरू से ही पता चल जाता है कि कौन आदमी किस लायक है ।बचपन में ही हर किसी को अपने शरीर की चिकनाहट अच्छी तरह से देख लेनी चाहिए,नहीं तो आगे जाकर वह खाली-पीली में ही हाथ-पैर मारेगा ! जिसको जिस काम में मास्टरी है,वही करे।यही काम पुलिस और बाबू लोग मुस्तैदी से करते आ रहे हैं।सरकार चलाने वाले चेहरे अलग ही होते हैं।वे मफलर या टोपी वाले निखट्टू-टाइप लोग नहीं होते।इसके लिए अरमानी जैसे डिजायनर सूट पहनने वाले,दिन में दस बार ड्रेस बदलने वाले जेंटलमेन चाहिए।तब कहीं जाकर देश आगे बढ़ता है।

दिल्ली लुटने के लिए तैयार है पर यह मौका उन्हें मिलना चाहिए जिनको लूटने में महारत हासिल है।झूठ की छोटी-मोटी फैक्ट्री से न दिल्ली चलेगी और ना ही देश, इसलिए जो बड़ी-बड़ी कम्पनियों का माल खींच सके,वही गाड़ी को आगे बढ़ा सकता है।’जिसका काम उसी को साजे,और करे तो डंडा बाजे’ यानी फेंकने वाले फेंकें और इस्तीफ़ा देने वाले इस्तीफ़ा दें।जिन्हें कुर्सी पर जमकर बैठने की आदत नहीं है,वे धरने पर बैठें,सड़क पर रहें।गुड गवर्नेंस देने की नहीं मनाने की चीज है,इसलिए इसका सेलिब्रेशन होता है ।’वाइब्रेंट इण्डिया’,’डिज़िटल इण्डिया’ और ‘मेक इन इण्डिया’ जैसे इण्डिया के कई वर्जन लाकर इसे ‘भारत-मुक्त इण्डिया’ बनाकर ही दम लेना है।

झूठ बोलने वाले बहुत कच्चे खिलाड़ी हैं।उनकी फैक्ट्री इसका कच्चा माल ही सप्लाई कर रही है,जबकि राजनीति में सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए।दूसरी तरफ देखिए,वे पके-पकाए हैं।उनका झूठ सच के ऊपर भी भारी है।डील-डौल के मुताबिक ही डील होती है।वे जो बोलते हैं,वही सच होता है।ऐसा समझकर पड़ोसी देश तो न जाने कब से अपने–अपने बंकरों में घुसे बैठे हैं।पता नहीं कब उनकी भाषण-मिसाइल उनके अड्डे तबाह कर दे।’सबका साथ,सबका विकास’ देश के वोटरों के पल्ले भले न पड़ा हो,पर अमेरिकन अंकल उसे चिप्स की तरह चबा रहे हैं।उन्हें जादू करने में मास्टरी है।

जनता लुटने के लिए बेताब है।मंहगाई और भ्रष्टाचार से निजात पाई जनता ठुमके लगा रही है।ऐसे में इस खेल में अड़ंगी मारने वाला जनता का दुश्मन है।जनता खुमारी में मगन है और अराजक लोग इस पर झाड़ू मारना चाहते हैं।ये ‘नए इंडिया’ के असली दुश्मन हैं।

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