मंगलवार, 12 जुलाई 2016

सरकार का अनोखा सब्सिडी-प्लान

आख़िरकार सरकार का विकास हो गया।वह पूरी तरह  फ़ैल गई है।देश भर में छा जाने के लिए ज़रूरी है कि चुन-चुन कर सब जगह की सेवा की जाय।खासकर उन जगहों की ज्यादा जो चुनाव की चपेट में हैं।एक जिम्मेदार सरकार का दायित्व है कि वह वहाँ पर सेवा की सप्लाई बढ़ा दे।इसलिए सरकार ने अपना साइज़ बढ़ा लिया है।अब वह दलित,पिछड़ा,अगड़ा सभी को समान रूप से देख सकती है।उसने जनता की चाक-चौबंद पहरेदारी करने के लिए चौकीदारों की संख्या बढ़ा दी है।ज़रूरत हुई तो भविष्य में दाल और टमाटर मंत्री भी नियुक्त कर दिए जायेंगे जो बाज़ारों पर भी चौकस नज़र रख सकेंगे।

सरकार में मंत्री तो बढ़े ही हैं,बदल भी गए हैं।जो शिक्षा में क्रांति कर चुके हैं,अब कपड़ा संभालेंगे।पहले केवल विश्वविद्यालयों में झंडे फहराए जा रहे थे,अब घर-घर झंडा फहरेगा।आगामी दिनों में सुस्त पड़े कपड़ा उद्योग में हलचल मचने की आशंका है।विस्तार के बीच वे लोग अत्यंत दुखी हैं,जिन्हें सेवा की पंगत से अचानक उठा दिया गया है।कम से कम डकार लेने तक की मोहलत तो मिलती।पचहत्तर पार की पनौती ऐसी लगी कि कुछ तो पार हो गए,कुछ गुबार देखते रहे।

बदलाव करने पर उतारू यह सरकार दो साल पहले मिनिमम गवर्नमेंट,मैक्सिमम गवर्नेंस’ के बुलंद दरवाजे से घुसी थी।थोड़े समय में ही इसने उस दरवाजे के बरक्स एक खिड़की खोल ली है।उसके अनुसार मैक्सिमम गवर्नेंस’ की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है।उसके पास मिनिमम’ को ‘मैक्सिमम’ में बदलने का हुनर बारीकी से आ गया है।अगर उसके उपायों से गवर्नेंस ‘मिनिमम’ और 'स्लिम' हो जाती है तो यह उसकी सेहत के लिए बेहतर ही है।

सब्सिडी इस सरकार के ख़ास एजेंडे में है।वह उसे लगातार छोड़ने की अपील करती आई है।उसकी ये कोशिशें रंग ला भी रही हैं।इसी का असर है कि उसने खुद को बड़ा कर लिया है ताकि ज़्यादा काम कर सके।वह अपने कामों में सब्सिडी नहीं लागू कर रही क्योंकि इससे मँहगाई से दबी जनता पर उस काम का भी बोझ लद जाएगा।सुनने में यह भी आ रहा है कि सरकार अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों से यह मार्मिक अपील करने वाली है कि वे स्वेच्छा से चाहें तो पद छोड़ सकते हैं।सरकार लोगों को छोड़ने की प्रेरणा भी दे रही है।वह हाल ही में एक उद्योगपति के दो सौ करोड़ रुपए छोड़ भी चुकी है।

सरकार में कई नए चेहरे आ गए हैं।वह लगातार बदल रही है।देश बदल रहा है।अब आप भी बदल जाइए।



1 टिप्पणी:

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14-07-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2403 में दिया जाएगा
धन्यवाद

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