रविवार, 5 अक्तूबर 2014

सफाई -अभियान

1)


नेता जी :कल की तैयारी हो गई है?


चेला :जी पक्की। दस ठो झाड़ू और बीस ठो कैमरों का इंतजाम हो गया है।

नेता :गुड।और मीडिया का क्या खबर है? यह इवेंट सुपरहिट होना चाहिए।

चेला :खबर तो आपही ना बनाएँगे ! यहिके बरे चंदू चौरसिया और फोकट शर्मा अपना-अपना टीम लेके साँझै से जुट गए हैं। कूड़ा-करकट को ढूंढ ढूँढकर उसका इंटरभू ले रहे हैं। कल के लिए प्रैक्टिस भी तो करनी है।

नेता :पर देखना, झाडू देर तक पकड़ने की आदत नहीं है।कचरा ज्यादा तो नहीं है?

चेला :इसका भी चौचक इंतजाम हो गया है। तीन दिन से मार सफाई की जा रही है। आपके आने से पहिले दो-चार कागज वहीं छोड़ दिया जाएगा।जइसे ही आपका भीडियो तैयार हुआ , हमारे बंदे झाड़ू थाम लेंगे।


2)


सफाई को देखते ही कचरा भाग खड़ा हुआ। बगल में खड़ा भ्रष्टाचार भी रास्ता ढूँढ़ने लगा,तभी सफाई ने प्यार से उसका कंधा थपथपाया और बोली, 'यार, तुमने तो सीरियसली ले लिया। हमारा, तुम्हारा तो जनम-जनम का साथ है। तुम कचरा थोड़ी हो,हमारे सरताज हो।तुम्हारी जगह डस्टबिन में नहीं ,फाइलों में है प्राणनाथ ।'


कोई टिप्पणी नहीं:

अनुभवी अंतरात्मा का रहस्योद्घाटन

एक बड़े मैदान में बड़ा - सा तंबू तना था।लोग क़तार लगाए खड़े थे।कुछ बड़ा हो रहा है , यह सोचकर हमने तंबू में घुसने की को...