मंगलवार, 20 नवंबर 2012

कैसी विरासत / अवसान के बाद का मूल्‍यांकन

जनसत्‍ता 20 नवम्‍बर 2012
डेली न्‍यूज एक्टिविस्‍ट 20 नवम्‍बर 2012


1 टिप्पणी:

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

धार्मिक व्यक्ति के दृष्टिकोण में, नेता के दृष्टिकोण में ,भीड़ के दृष्टिकोण में और लेखक के दृष्टिकोण में फर्क दिखना ही चाहिए। आपने लेखकीय धर्म का खूब निर्वहन कया है। जोरदार आलेख के लिए बहुत बधाई।

नया साल और बदलाव

साल बदलने जा रहा है।इसके साथ बहुत कुछ बदलने वाला है।अवश्य ही उन लोगों की आत्मा को ठंडक पहुँचेगी जो हर पल बदलाव की रट...