जनसंदेश व जनवाणी में २७/०२/२०१३ को
पिछले दिनों देश में
हुए आतंकी हमले का हमें बेहद अफ़सोस है और गुस्सा भी।हमें अपने उन सभी लोगों के
जाने का रंज-ओ-गम है जिनके रहते चुनाव में हमें और मजबूती मिलती।इस मामले पर हमेशा
की तरह हम संजीदा हैं और कुछ कर गुजरने को बेताब।बस एक बार अपराधी हमारे हाथ लग
जाएँ तो कानून अपना काम करने लगेगा।इस घटना पर पहले ही प्रधानमंत्री ने निंदा
व्यक्त कर दी है और पार्टी हाईकमान ने दिली-अफ़सोस जाहिर कर दिया है।विपक्ष का यह
आरोप निराधार है कि हम चौकस नहीं हैं।हम बराबर अपने टारगेट पर नज़रें गड़ाए हुए हैं,इसलिए
हम पर ऐसे आरोप अनुचित और देशहित के विरुद्ध हैं।संकट की इस घड़ी में सबको एक साथ
दिखना चाहिए,भले ही हम अंदर से ऐसे ना हों ।
हम पर देश की
सुरक्षा-व्यवस्था से खिलवाड़ का आरोप हास्यास्पद है।विपक्ष कहता है कि समय रहते ऐसी
घटनाओं की सूचना हम नहीं दे पाते,जो सरासर तथ्यहीन और भ्रामक है।हम आपको बता दें
कि इसके लिए हमने औपचारिक रूप से एक सूचना-तंत्र खड़ा कर रखा है।यह अत्याधुनिक
तकनीक से लैस ऐसी सुविधा है जो हर तीसरे दिन छः राज्यों को अपनी तरफ़ से चेतावनी
भरे सन्देश भेज देती है।इससे उन सभी राज्यों के सभी शहरों में यह चेतावनी समान रूप
से लागू और प्रभावी हो जाती है।इस तरह हम पूरे देश में अपनी सुरक्षा का
अभेद्य-मन्त्र अल्प समय में ही प्रसारित कर देते हैं।इससे अधिक त्वरित कार्रवाई और
क्या हो सकती है ?अब हमारे ऐसे गुप्त सन्देश यदि राज्य सरकारें नहीं पढ़ पातीं तो
वे नाकारा हैं,हम नहीं।
आतंकी घटनाओं से
निपटने के लिए हमने और भी पुख्ता इंतज़ाम किये हैं।बार-बार हो रही इस तरह की घटनाएँ
यह सिद्ध करती हैं कि हमारे ख़ुफ़िया विभाग की रपट हमेशा ठीक होती है।अब उसको रोक
पाने का काम स्थानीय पुलिस का है क्योंकि हम रक्षा,कोयला और स्पेक्ट्रम जैसे कई
महत्वपूर्ण सौदों के निपटाने में व्यस्त रहते हैं।हालिया आतंकी घटना से हेलीकॉप्टर
सौदे की चर्चा भी नेपथ्य में चली गई है,इससे साबित होता है कि उन आरोपों में भी
कोई दम नहीं था।आरोप लगाने वालों को नहीं मालूम कि अपनी स्वच्छ छवि को बचाने के
लिए हमें कितना श्रम करना पड़ता है ! हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार पर
लगे ये आरोप पूर्ववर्ती आरोपों की तरह हवा हो जायेंगे और हम साफ़-सुथरी सरकार देने
के अपने वादे पर खरे उतरेंगे।
हम पर निष्क्रियता
का जो आरोप लगाया जाता है वह भी आधारहीन है।हमने हर घटना के बाद हाथ खड़े करने की
बजाय कड़े कदम उठाये हैं और ये कदम अकड़ने की स्थिति तक कड़े उठते रहेंगे ।इस तरह हम
आतंकवाद के समक्ष झुकेंगे नहीं,भले ही टूट जाएँ। इसलिए विपक्ष को अपने आरोपों में
अड़ने के बजाय अगले चुनावों में लड़ने तक इंतज़ार करना चाहिए।हमारी समझदार जनता समय
आने पर बता देगी कि हमने भ्रष्टाचार,बलात्कार और आतंकवाद पर समान भाव से काम किया
है।हम बेझिझक अपना काम करते जा रहे हैं और जवाब में विपक्ष अपना बयान जारी कर देता
है।वह हमारी ही नकल कर रहा है और दोषी भी हमें भी ठहरा रहा है।अब आप किस पर
हँसेंगे,हम पर या विपक्ष पर ?