बुधवार, 26 दिसंबर 2012

आपके पास कोई चारा नहीं है,ठीक है ?


२६/१२/२०१२ को नई दुनिया में
प्यारे और बेसहारे भाई,बहनों !

हमें जैसे ही अपने विश्वस्त सूत्रों से खबर मिली कि इंडिया गेट पर भारी संख्या में आप लोगों पर पुलिस ने आँसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया है,मैं हलकान हो गया । मैं जल्द ही आप लोगों से मिलने को तैयार था पर मैडम के यहाँ से खबर आई कि पहले वो आपसे मुखातिब होंगी,तभी मुझे मौका मिलेगा। मुझे यह भी खबर मिली कि आप लोगों को लेकर युवराज भी बहुत चिंतित थे और उन्होंने इस बारे में अपनी माँ से कहा भी कि ऐसा कोई भी अवसर वे छोड़ना नहीं चाहेंगे क्योंकि ये युवाओं का आन्दोलन है और वे स्वयं एक संभावनाशील युवा हैं। इन सारी बातों की वज़ह से हमें मुँह खोलने में देरी हुई है। मैडम और युवराज आप लोगों से रात के शांत वातावरण में आपकी बातें सुनी भी हैं। उनके इस रात्रि-मिलन की योजना से मुझे आपसे मिलने में देरी हुई,पर मैं यह भी जानता हूँ कि आप मेरी मजबूरी को समझते हुए मेरे जवाब से संतुष्ट होंगे,ठीक है ?

मैं आज आपसे विशेष गुज़ारिश करने आया हूँ। उस लड़की के साथ बहुत बुरा हुआ है। तीन लड़कियों का बाप होने के नाते उसका दर्द मैं समझ सकता हूँ। यहाँ तक कि इस तरह के दर्द के अहसास को वास्तविक रूप देने के लिए हमने अपनी कैबिनेट में ऐसे गृहमंत्री और राज्य गृहमंत्री रखे हैं,जिनके भी तीन-तीन लड़कियाँ हैं। इस तथ्य को वे दोनों लोग स्वीकार भी चुके हैं । इसकी सीधी वज़ह है कि बलात्कार का वास्तविक दर्द एक-आध लड़की होने से पता नहीं चलता है।  जो पुलिस शुरुआत में इतनी निकम्मी थी कि वह इस तरह की घटना को समय रहते देख नहीं सकी,उसी ने आप लोगों की सेवा करने में किसी प्रकार की कोताही नहीं रखी। उम्मीद है कि हमारी यह तत्काल-सेवा आपको पसंद आई होगी। अगर कुछ लोगों को इसमें कुछ कमी लगती है तो इसे हम जल्द सुधार लेंगे,ठीक है ?

यह साल बीत रहा है और अगर आपको लगता है कि इसने बहुत कष्ट दिए हैं,तो इस बारे में भी मैं लगे हाथों कुछ कहना चाहूँगा क्योंकि पता नहीं कब दुबारा मौका मिले ? सबसे पहले भ्रष्टाचार को लेकर जो आन्दोलन चला था,उसको हमने बहुत सम्मान दिया था। लोकपाल के लिए हाउस का सेन्सभी जगाया था,पर सब कुछ हम अकेले ही तो नहीं कर सकते हैं। विपक्ष ने समर्थन दिया होता तो आज भ्रष्टाचार कहीं दूर खड़ा होता। बहरहाल,हम आपसे वादा करते हैं कि इस बारे में इस साल जो नहीं हो पाया ,उसे हम नए साल में ज़रूर कर बैठेंगे,ठीक है ?

इस साल के जाते-जाते बलात्कार की जो कालिख हमारे मुँह पर पुती है,उसको लेकर हम गंभीर हैं। भविष्य में कहीं ऐसी घटना न हो,इसके लिए हमने कार्य-योजना तैयार कर ली है। हमारे राज्य मंत्री इसके लिए कई बार रात में बस में सफ़र कर चुके हैं और उनके मुताबिक,यकीन मानिए,अब सब महिलाएं सुरक्षित हैं। फ़िर भी,यदि बहनों को अभी भी कोई शंका और शिकायत है ,उसे हम नए साल में ही दूर करने का प्रयास करेंगे। असल में इस जाते हुए साल में अचानक इतने काम एक साथ आ गए कि थोड़ी-सी चूक हो गई है,पर आगे से ऐसा नहीं होगा। इस बात को लेकर हममें और मैडम में सहमति हो गई है। उनको अभी भी हम पर पूरा विश्वास है,इसलिए आपको भी हमारे भरोसे ही रहना होगा । न हमारे पास कोई विकल्प है और न आपके पास कोई चारा ,ठीक है ?

2 टिप्‍पणियां:

Kewal Joshi ने कहा…

'ठीक है'... सटीक व्ययंग .... सादर।

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

शुक्रिया भाई।

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