बुधवार, 19 नवंबर 2014

जेड प्लस वाले बाबा जी !

ताज़ा ताज़ा जेड प्लस सुरक्षा पाए बाबा जी से मुलाक़ात हो गई।बाबा जी विकट प्रसन्न दिख रहे थे।उनके इर्द-गिर्द बीस-तीस कमांडो दिखाई पड़े।हमें नजदीक आते देखकर उन्होंने अपनी पोजीशन संभाल ली।बाबा जी के आशीर्वादी-हाथ के बजाय कमांडो की बंदूकें हमारी ओर तन गईं तो तनिक देर के लिए हम भी डर गए।तब तक बाबा जी ने हमारे चेहरे पर आये डर के भाव पढ़ लिए।उन्होंने अपने गनमैनों को शांत रहने का संकेत दिया।हमने बाबा जी को पहले से संचित आदर में और वृद्धि करते हुए प्रणाम किया।बाबा बोल पड़े-पूछो वत्स,जो भी पूछना है।मुझे राजधानी में योग-शिविर का उद्घाटन करने जाना है।

हमारा पहला सवाल था-बाबा जी,अचानक आपको सुरक्षा की ज़रूरत कैसे पड़ गई ? आप तो संत हैं,योगी हैं।आपको किससे खतरा है ?

बाबा एक आँख जमीन पर और दूसरी शून्य में गाड़ते हुए उवाचे-वत्स,समय बदल गया है।बुरे दिनों में तो सब सतर्क रहते हैं।पेटीकोट-धोती आदि से भी रक्षा की जा सकती है पर अच्छे दिनों में पता नहीं कौन अच्छे हथियार से आक्रमण कर दे ? हमारे दुश्मन इसलिए भी बढ़ गए हैं क्योंकि कई लोगों को लगता है कि काले धन की पहली खेप हमारे पास ही आएगी।इसलिए सुरक्षा ज़रूरी है।

हमने अगला सवाल किया-पर यह सुरक्षा जेड प्लस ही क्यों ? यह सरकारी खर्च का अपव्यय नहीं होगा ?

बाबा ने एक दृष्टि सभी कमाण्डोज पर डाली और आश्वस्त होकर बोले-देखिये ,’ए टू जेड’ सुरक्षा भेदी जा सकती है इसलिए जेड के आगे की सारी आशंकाएं इसमें शामिल कर ली गई हैं।पिछली सरकार ने हम योगियों और संतों पर बड़ा अत्याचार किया था।हम तो योगी हैं।किसी से क्या मतलब,पर हमें अपना काम-धंधा भी चैन से नहीं करने दिया जाता।देखिए,एक संत हरियाणा में अपनी सुरक्षा खुद कर रहे हैं।वो इस मामले में आत्मनिर्भर हो गए हैं।सरकार को चाहिए कि संत की रक्षा के लिए पूरी पलटन भेज दे और हमें ख़ुशी है कि वहां की सरकार ऐसा ही कर रही है।

‘मगर उन पर तो हत्या का आरोप है।वे क्यों बचाए जा रहे हैं ?’ हमने आखिर पूछ ही लिया।

बाबा जी ने शीर्षासन करते हुए कहा-संत कभी गलत नहीं होता।सारे आरोप मिथ्या हैं।कल तक पुलिस हमारे पीछे पड़ी रहती थी,आज देखिये आगे-पीछे घूम रही है।सब करने से होता है।हमने चुनाव में सरकार के लिए किया,अब सरकार हमारे लिए कर रही है।वत्स,तुम अभी नादान हो।पुराने चैनल से त्यागपत्र दे दो,तुम्हारे भी अच्छे दिन आ जाएँगे।

हमने अपना कैमरा समेटा और बाबा जी के साथ शीर्षासन में जुट गए।

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